“शिकायत नही सेवा करे”

कुछ समय पहले मै दिल्ली के एक बहुत ही कम विख्यात मंदिर मे दर्शन हेतु गया | प्रायः मै ऐसे किसी देवालय अथवा मठ या आश्रम मे दर्शन हेतु जाया करता हूँ | यह मेरे स्वभाव अर्न्तगत है | वहाँ उस मंदिर मे जाकर बहुत सुकून का अनुभव हुआ, एक बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया | 

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सब मीट्टी ही तो है (कथा)

जीव तथा माया के बीच अनादि काल से विरोधाभास है परन्तु यह विरोधाभास होने पर भी ऐसा दृष्टिगोचर हो रहा है कि जीव तथा माया का परस्पर संबंध है, तथा जीव इस संबध से प्रसन्न है | वास्तव मे जीव माया से संबंधित न होकर सदा से आनंद स्वरुप भगवान…

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